चांद पर पानी मिला – अब खुल कर नहाओ
अरे मुन्ना भाई सुना तुमने, बहुत ही रापचिक खबर आई है, चांद पर पानी मिल गया भाई, अब अपुन खुल कर नहा सकेंगे।
अरे सरकिट, क्यूं दिमाग का दही कर रियेला है, वो पानी कोई अपनी म्युनिसिपेलिटी को थोड़े ही मिलेगा।
क्यों नईं मिलेगा, अपुन का चंद्रयान उदर जाके खोज किया, अक्खा दुनिया में अपुन का चंद्रयान ही गया उदर और पानी का फोटू लाया, सारा पानी अपुन काइच होना चाहिये।
अरे सरकिट, चांद पर कोई नदियां, समुंदर नहीं मिले, तुम काईकू इतना नाच रेला है।
पर भाई, नदियां समुंदर तो अपुन की धरती पर भी कम नईं हैं। अपुन ने सुना कि हमारी धरती पर तीन चौथाई पानी है। इतना बारिश, इतनी नदियां, फिर भी भाई पीने और नहाने को पानी नईं मिलता तो फिर चांद के पानी से क्या हो जायेंगा।
अरे सरकिट, पानी होने का मतलब लाईफ, उदर कू लाईफ हो सकती है, छोटे छोटे किटाणू, छोटे छोटे फूल पत्ती, कोई गैस, पैट्रोल या इसके जैसा कोई दूसरा ईंधन नईं तो कोई भी काम का चीज उदर मिल सकता है।
अरे मुन्नाभाई, कैसी बात कर रिये हो, धीरे बोलो उदर सैम अंकल को पता चलेंगा तो अबि अपना हरा हरा डालर लेकर उदर कब्जा करने पहुंच जायेंगा।
नईं सरकिट, कब्जा क्यूं करेंगा। हो सकता है उदर कोई लोग रहते हों जिनको हमारी दुनिया के लोग हैल्प कर सकते हैं उनकी जिंदगी में सुधार करने के लिये।
मुन्ना भाई, इदर की जिंदगी के लोगों का सुधार हो गया क्या? अफ्गानिस्तान, ईराक, ईरान, वियतनाम…….!
नईं सरकिट, उदर के लोगों से अपुन का भाईचारा होयंगा। अपुन सब मिलकर काम करेंगा।
यहां पर भाई चारा हो गया भाई? अपुन कैसे लोग हैं भाई जो अपनी दुनिया के लोगों से लड़ते रहते हैं और अनजानी दुनिया के लोगों को दोस्त बनाने के लिये खोजते रहते हैं?
Leave a Reply