Tag: कविता
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Poem by Amrita Pritam – Ek Shehar एक शहर – अमृता प्रीतम
Ek Shehar Poem by Amrita Pritam एक शहर – अमृता प्रीतम 1. अस्पताल के दरवाजे पर हक, सच, ईमान और कद्रें, जाने कितने ही लफ्ज़ बीमार पड़े हैं इक भीड़ सी इकट्ठी हो गयी है, जाने कौन नुस्खा लिखेगा जाने यह नुस्खा लग जायेगा, लेकिन अभी तो ऐसा लगता है इनके दिन पूरे हो गये……
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शिव कुमार बटालवी के कुछ गीत
शिव कुमार बटालवी के कुछ गीत Songs By Shiv Kumar Batalvi शिव कुमार बटालवी के गीतों को बड़ी शिद्दत से पंजाब में पढ़ा जाता है. आप भी पढ़िए उनके बटालवी के कुछ गीत.
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माँ – निदा फा़ज़ली Maa by Nida Fazli
माँ – निदा फा़ज़ली Maa by Nida Fazli निदा फा़ज़ली की तीन नज़्में एक दिन सूरज एक नटखट बालक सा दिन भर शोर मचाए इधर उधर चिड़ियों को बिखेरे किरणों को छितराये कलम, दरांती, बुरुश, हथोड़ा जगह जगह फैलाये शाम थकी हारी मां जैसी एक दिया मलकाए धीरे धीरे सारी बिखरी चीजें चुनती जाये। माँ…
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वारिस शाह नूं – अमृता प्रीतम
आज बैसाखी के अवसर पर अमृता प्रीतम की एक रचना और उसका हिंदी अनुवाद। 1947 पर लिखी गयी यह रचना वारिस शाह को संबोधित है जिन्होंने ‘हीर’ लिखी थी। हीर कहानी है हीर के अपने रांझे से बिछुड़ने की. वारिस शाह ने हीर की पीड़ा लिखी थी. यहाँ अमृता उलाहना दे रहीं हैं कि जब…
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अमृता प्रीतम की कुछ कवितायें Poems By Amrita Pritam
अमृता प्रीतम की कुछ कवितायें Poems By Amrita Pritam एक मुलाकात मैं चुप शान्त और अडोल खड़ी थी सिर्फ पास बहते समुन्द्र में तूफान था……फिर समुन्द्र को खुदा जाने क्या ख्याल आया उसने तूफान की एक पोटली सी बांधी मेरे हाथों में थमाई और हंस कर कुछ दूर हो गया हैरान थी…. पर उसका चमत्कार…
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ये तलवार वाले… नाक के रखवाले
केमिकल लोचा- संदर्भ :- गांधीगिरी. मित्रो, यहाँ प्रस्तुत है मेरी लिखी एक कविता ये तलवार वाले… नाक के रखवाले. यूं तो मैं कोई कवि नहीं हूँ मगर कभी कभी यूं ही अपने विचार इस तरह से प्रगट कर देता हूँ. आशा है मेरा यह प्रयास आपको पसंद आएगा. कुछ दिन से ढंग से मैं सो…
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“बिरह” का सुलतान – शिव कुमार बटालवी Shiv Kumar Batalvi
बिरह का सुलतान – शिव कुमार बटालवी Shiv Kumar Batalvi (ਸ਼ਿਵ ਕੁਮਾਰ ਬਟਾਲਵੀ) शिव कुमार बटालवी पंजाबी के ऐसे आधुनिक कवि हैं जिनके गीतों में पंजाब के लोकगीतों का आनंद भी हैं। शिव का जन्म 23 जुलाई 1936 को शकरगढ़, पंजाब (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। बंटवारे के बाद उनका परिवार बटाला में आ…
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Poem On Female Feticide in Hindi तुम मुझे जन्म तो लेने देते
Poem On Female Feticide in Hindi तुम मुझे जन्म तो लेने देते हो सकता है जज बन जाती देती हजारों को मैं न्याय बन पुलिस ऑफिसर पापा कितनों को दिखलाती राह डाक्टर बन देखते पापा कितनों की बचाती जान ओलंपिक में जा देश के पूरे करती सब अरमां गर बन जाती कल्पना चावला जग में…
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अपने प्यारे पापा को कविता
अपने प्यारे पापा को कविता. कल फ़ादर डे पर यूं ही एक कविता लिखने की कोशिश की है. वैसे तो मैं कवि नहीं हूँ और कविता लिखने की कुछ समझ भी नहीं है फिर भी कभी कभार कोशिश कर लेता हूँ. आशा है आपको पसंद आएगी और आप इसे जरूर सराहेंगे. यह कविता समर्पित है…