Poem On Female Feticide in Hindi
तुम मुझे जन्म तो लेने देते
हो सकता है जज बन जाती
देती हजारों को मैं न्याय
बन पुलिस ऑफिसर पापा
कितनों को दिखलाती राह
डाक्टर बन देखते पापा
कितनों की बचाती जान
ओलंपिक में जा देश के
पूरे करती सब अरमां
गर बन जाती कल्पना चावला
जग में करती तुम्हारा भी नाम
पापा !!
तुम मुझे जन्म तो लेने देते !!!!!
(कल रक्षाबंधन के दिन समाचार मिला कि पटियाला के एक नर्सिंगहोम के पीछे कूंएं में 35 कन्या भ्रूण फेंक दिये गये।)
Poem On Female Feticide in Hindi
प्रधान मंत्री जी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान ने लोगों में बेटियों के लिए बहुत जागरूकता का संचार किया है. यदि हमें बेटियों को बचना है तो इसके बारे में समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है. कन्या भ्रूण की ह्त्या एक सामाजिक अपराध भी है. ऐसे लोग हमारे समाज में ही छिपे हैं जो कन्या भ्रूण की ह्त्या करते हैं. समाज में इसके विरुद्ध एक माहोल बनाना आवश्यक है और लोगों की सोच को बदलना बहुत जरूरी है. इसके लिए जिस किसी भी माध्यम का प्रयोग किया जाए कम है. यहाँ सीधे सीधे महिलाओं की बराबरी का मामला है. यदि महिलाओं को समाज में बराबरी की हिस्सेदारी चाहिए तो समाज को बेटियों को देखने का नजरिया बदलना होगा. बेटियों के जनम पर भी उनका वैसे ही स्वागत करना होगा जैसे बेटों के जन्म पर बेटों का स्वागत किया जाता है.
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