भोमियो ने जब उर्दू से देवनागरी में लिप्यांतर की सुविधा शुरू की तो उन दिनों मैंने ढेरों उर्दू के पाकिस्तानी चिट्ठे देवनागरी में पढ़े। यकीन मानिये यह एक अलग तरीके का अनुभव था। कम पढ़े लिखे युवकों और युवतियों के पंजाबी और उर्दू की मिलीजुली भाषा में लिखे मासूम चिट्ठे। ज्यादातर पर ग़जलें और शेर। एक चिट्ठा मैं नहीं भूलता जिसमें एक युवक ने अपने दादा के बारे में लिखा जिनका घर यहां दिल्ली में था। बहुत ही मजेदार चिट्ठा था वह। बात पुरानी हो चुकी है इसी लिये उन चिट्ठों के लिंक तो नहीं दे पाऊंगा मगर फिलहाल कुछ उर्दू चिट्ठे आप यहां पढ़ सकते हैं
उन्हीं दिनों मैंने आईना पर सहादत हसन मंटो की कहानी टोबा टेक सिंह प्रकाशित की थी। यह कहानी भी मैंने उर्दू की एक साईट से भोमियो द्वारा लिप्यांतर करके प्राकाशित की थी। आईना पर मंटो, अमृता प्रीतम, शिव कुमार बटालवी और गुलजार की रचनायें पढ़ने के लिये ढेरों पाठक आते हैं। कहने की जरूरत नहीं कि ये पाठक इन रचनाओं को कई अलग अलग लिपियों में पढ़ते हैं।
मेरा बहुत पुराना एक सपना था कि इस तरह का लिप्यांतर हिंदी टूलबार में भी उपलब्ध करवाया जाये। अब वह सपना सच हो गया है।
हिंदी टूलबार पिटारा में भोमियो बटन लगा दिये गये हैं। अब अगर आप किसी साईट की लिपि बदल कर पढ़ना चाहते हैं तो बस इच्छित लिपि के बटन पर क्लिक करें और साईट की लिपि बदल जायेगी। इसके लिये अब जरूरी नहीं कि वांछित साईट पर भोमियो का कोड लगा हो और न ही अब आपको भोमियो की साईट पर जा कर इच्छित साईट का URL लिखने की जरूरत होगी।
इस सुविधा की घोषणा हिंदी टूलबार पिटारा के चिट्ठे पर अलग से विस्तार से की जायेगी।
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