Category: अर्थव्यवथा
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कैसे बढ़ती शेयर मार्किट कर रही है गरीब के आटा और दाल महंगे
How rising stock markets effecting poor एक ओर जहां सेन्सेक्स के जानकार यहां निवेश (Invest) करके मालामाल हो रहे हैं वहीं बेचारा आम आदमी जिसका इस शेयर बाजार से कुछ लेना देना नहीं है और जो कि अपनी दो जून की रोटी मुशकिलों से जुगाड़ पाता है उस पर इस सब का उल्टा असर हो रहा…
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शेयर बाज़ार में हो सकता है जोखिम
शेयर बाज़ार में हो सकता है जोखिम शेयर बाजार में सावधानियां और खतरे। आप भी पहचानिए शेयर मार्केट से जुड़े जोखिमों को आयर रहें सावधान। बिना जाने शेयरों में निवेश करना ख़तरनाक हो सकता है। जब तक स्वयं को इस बारे में शिक्षित ना कर लें इसमें पैसे लगाने से बचें। शेयर बाज़ार से जुड़े दो…
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बजट अपडेट लाईव Budget live update in Hindi
बजट अपडेट लाईव Budget live update in Hindi बजट पेश करने का आज से खराब दिन पी चिदंबरम जी के लिये कोई नहीं हो सकता था। दुनिया भर के शेयर बाजार आज सुबह से धड़ा धड़ गिर रहे हैं। लग रहा है कि आज हमारे शेयर बाजारों पर भी खून बहेगा। :( एक दिन पहले…
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जहां आम आदमी देते हैं टैक्स और अमीर बच कर निकलते हैं
हट सकती है करों में छूट – २ हमारे देश में यही होता है कि आम आदमी को तो टैक्स देने पड़ते है और अमीर कई तरह की छूटों का लाभ लेकर टैक्स देने से बच निकलते हैं। सर्विस टैक्स एक ऐसा टैक्स है जो कि सरकार ने लगभग 95 प्रकार की सेवाओं पर लगाया…
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हट सकती है करों में छूट
हट सकती है करों में छूट जल्द ही बजट आने वाला है। बजट के आने तक हम चर्चा करेंगे कि बजट में क्या होने की संभावना है और यह समझने की कोशिश करेंगे कि इसका हमारे ऊपर क्या असर हो सकता है एक निवेशक के रूप में, एक करदाता के रूप में तथा एक उपभोक्ता…
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हमारा भारत
हमारा भारत 15 वर्षों के आर्थिक सुधार- कितनों को साफ पानी हमारा भारत : यह एक विडंबना ही है कि पिछले 15 वर्षों में जहां हमारी अर्थव्यवस्था ने नयी नयी ऊंचाईयों को छुआ है वहीं इस अवधि में कृषि क्षेत्र लु्ड़कता चला गया। यह क्षेत्र इतनी बुरी तरह पिछड़ा कि इस वर्ष हमें रिकार्ड 60…
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15 वर्षों के आर्थिक सुधार- कितने मोबाईल
बिजनेस टुडे पत्रिका के ताजा अंक में 15 वर्षों के आर्थिक सुधारों पर विशेष सामग्री दी गई है। आर्थिक सुधारों का विस्तार से अध्ययन किया गया है तथा इसके सामाजिक असर को भी बखूबी उठाया गया है। संभाल कर रखने लायक 282 पेज का यह अंक 15 रु का है। बिजनेस टुडे के इसी अंक…
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वर्ष 2007 होगा भारत का
आइये 2007 का स्वागत करें भारत की चमकती हुई तस्वीर से। आने वाले साल का स्वागत किया है आज के इकानामिक टाइम्स ने पक्के तौर पर समय हमारा है की उद्घोषणा के साथ। लेख में लिखा है जिस तरह से आगे बढ़ते हुए अरबों डालर के सौदे हमारी कंपनियां कर रही हैं और अपने ब्रांडों…
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यह भी रंग विकास के
यह भी रंग विकास के 14 वर्षिय आरती धवन अपनी अत्मविश्वास से भरी मुस्कुराहट के साथ अपने काम्पेक के काले लैपटॉप पर कभी पावर प्वाईंट पर कोइ स्लाईड दिखाती है और कभी एक्सेल पर अपने 33 वर्षिय चाचा संतोष धवन के महीने के खर्चे का हिसाब दिखाती है। गन्ने का खेत यह सब करने के…
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आम आदमी के साथ….?
आम आदमी के साथ….? आज के समाचरपत्रों में मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) यानी आर्थिक विकास के आंकड़े छपे हैं। आइये इसके पीछे छिपे सामाजिक संदेश को समझने की कोशिश करते हैं। इस दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) यानी आर्थिक विकास की बढ़ोतरी दर ९.२ फीसदी…