Category: Blog
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चिट्ठाकार मिलन : कन्फ्यूजन, कॉफी और कोमलता का एहसास
लगभग जा चुकीं सर्दियों की दोपहर में क्नाट प्लेस के फिर से नये बने सेंट्रल पार्क पर जब आज दिल्ली के हिंदी चिट्ठाकार मिले तो शायद दिल्ली में यह अब तक की सबसे बड़ी और सबसे लंबी चली हिंदी चिट्ठाकार मीट थी। क़ैफे क़ॉफी डे में हमारी मीटिंग तय थी मगर शुरू में थोड़ा कन्फ्यूजन…
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मेरी पाँच बातें : तर्जुमा आईने का ठीक नहीं
रचना जी ने जब पांच सवाल पूछे तो मैंने चुटकी ली थी कि “आपको मौका मिला था तो कुछ निजी पोल पट्टी खुलवाते इन सब की। आपने तो बड़े औपचारिक से प्रश्न पूछे।” इस पर समीर भाई ने लिखा कि “जितने लोग सोच रहे हैं कि हमें सस्ते में छोड़ दिया गया है, उनके नाम…
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वे आ रहे हैं
यह बात हिंदी चिट्ठाजगत में अकसर पढ़ने को मिलती है कि ले दे कर चार सौ चिट्ठाकार हैं, यही लेखक हैं, यही पाठक हैं और यही टिप्पणी कर्ता। कभी कभी मुझे लगता जैसे हम किसी जुरासिक पार्क में रहते हैं जहां रहने वालों की अपनी ही दुनिया है और बाहर की दुनिया को इसके बारे…
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अच्छे ब्लॉगर के गुण
ब्लागिंग के बारे में वर्डप्रैस वालों का एक लेख पढ़ा। मुझे अच्छा लगा और लगा कि इस लेख से बहुत कुछ सीखा जा सकता है तो यहां उसके मुख्य बिंदुओं को हिंदी में लिख रहा हूं। मूल अंग्रेजी लेख आप यहां पढ़ सकते हैं। यदि आप भी एक सफल ब्लॉगर बनना चाहते हैं तो इन…
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महानगर हिंदी चिट्ठाकार मिलन
भई दो महानगरों के चिट्ठाकार मिलेंगे तो उसे महानगर चिट्ठाकार मिलन ही कहा जायेगा ना? तो मुम्बई से आये शशि सिंह जो “मान ना मान मैं तेरा मेहमान” कह कर आये और दिल्ली वालों के दिलों में घर कर गये। बहुत ही जीवंतता है साहब इनकी चमकती आंखों और भावों से भरे चहरे में, कुछ…