ओ पी नैय्यर एकदम अलग प्रकार का संगीत देते थे। उनके गीत सुनते ही पहचान में आ जाता था कि यह ओ पी नैय्यर का ही संगीत है। बचपन से ही रेडियो विविध भारती पर उनके सैंकड़ों गाने सुने। उनके संगीत में पंजाबी लोकसंगीत की महक तथा जोश था। विकिपीडिया पर अंग्रेजी में उनपर लिखे लेख का हिंदी अनुवाद मैंने किया है तथा उसे हिंदी विकिपीडिया पर भी यहां डाल दिया है। विकिपीडिया पर छोटे मोटे बदलाव तो मैंने पहले किये हैं मगर इस प्रकार का लेख पहली बार लिखा है।
ओंकार प्रसाद नैय्यर
ओ पी नैय्यर (जनवरी १६, १९२६ – जनवरी २८, २००७) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे जो लाहौर में पैदा हुए थे तथा अपने चुलबुले संगीत के लिये जाने जाते थे।
ओ पी नैय्यर ने अपना फिल्मी सफर शुरू किया १९४९ में कनीज फिल्म में पार्श्व संगीत के साथ। इसके बाद उन्होंने आसमान(१९५२) को संगीत दिया। गुरुदत्त की आरपार (१९५४) उनकी पहली हिट फिल्म थी। इसके बाद गुरुदत्त के साथ इनकी बनी जोड़ी ने मि्स्टर एडं मिसेज ५५ तथा सी आई डी जैसी फिल्में दीं। नैय्यर मेरे सनम में अपने संगीत को एक नयी ऊंचाईयों पर ले गये जब उन्होंने जाईये आप कहां जायेंगे तथा पुकारता चला हूं मैं जैसे गाने दिये। उन्होंने गीतादत्त, आशा भोंसले तथा मों रफी के साथ काम करते हुए उनके कैरियर को नयी ऊंचाईयों पर पहुंचाया। उन्होंने कभी लता जी के साथ काम नहीं किया।
उनकी कुछ मशहूर फिल्में
आरपार
नया दौर
तुमसा नहीं देखा
कश्मीर की कली
मेरे सनम
एक मुसाफिर एक हसीना
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