Google Translitration गूगल ट्रांसलिट्रेशन – हिंदी लिखने की (अ)सुविधा
गूगल Google ने हिंदी ट्रांसलिट्रेशन Hindi Transltration का टूल जब से शुरू किया तभी से हिंदी में चिट्ठे लिखने वालों की संख्या दिन दूनी रात चौगुन गति से बढ़ रही है। ऑर्कुट Orkut, जीमेल Gmail और ब्लॉगर Blogger पर गूगल ट्रांसलिट्रेशन के सम्मिलित होने से भी इंटरनेट पर हिंदी टाईपिंग के बारे में लोगों में बहुत जागरुकता आई। हिंदी ब्लॉगिंग में वृद्धि के और भी बहुत से कारण रहे होंगे पर यह तो स्पष्ट दिखता है कि गूगल बाबा ने इस और बहुत लोगों को प्रेरित किया है। गूगल पर आसान होते हिंदी सर्च(Hindi Search) भी इसका एक कारण हो सकते हैं।
गूगल के ट्रांसलिट्रेशन बुकमार्कलेट ने भी इंटरनेट पर हिंदी टाईपिंग(Hindi Typing) को आसान बनाया है मगर बुकमार्लेट लगाना थोड़ा तकनीकि मामला है और हर किसी को इसके बारे में जानकारी शायद ना हो। यहां पढ़ें गूगल की English to Hindi ट्रांसलेशन एप के बारे में।
गूगल के ट्रांसलिट्रेशन की आपनी कुछ सीमायें हैं।
- इसे केवल ऑनलाईन(Online) ही प्रयोग कर सकते हैं।
- एक शब्द को रोमन(Roman) में टाईप करने पर यह गूगल सर्वर से उसका देवनागरी शब्द चुनता है जिससे टाईपिंग धीमी हो सकती है।
- शब्दों का संपादन(Editing) कठिन होता है तथा गूगल ट्रांस्लिट्रेशन केवल अपने शब्दकोश में संचित शब्दों को ही देवनागरी में आसानी से बदलता है जिससे दूसरी भाषा (जैसे कि उर्दू या अंग्रेजी के शब्द) लिखने में मुश्किल हो सकती है।
- इंटरनेट पर जब तक आप पोस्ट लिख रहे हैं तो आपको ऑनलाईन(online) रहना पड़ता है। आप ऑफलआईन(offline) नहीं लिख सकते।
- गूगल ट्रांस्लिटरेशन में हिंदी के लिये पूर्णविराम ’।” नहीं है जिससे मजबूरी मे
कई लोग पूर्णविराम के स्थान पर ’|’ या बिंदू(dot) का प्रयोग करते हैं। - यदि आप बुकमाकर्लेट या पिटारा टूलबार प्रयोग नहीं कर रहे तो कट, कॉपी, पेस्ट करने का झंझट रहता है।
नीचे दिये गये स्क्रीनशॉट में देखिये मैं ’निंबुड़ा’ शब्द टाइप नहीं कर पाया।
इस सब से बचने के लिये आप हिंदी टाइपिंग का कोई भी ऑफलाइन टूल प्रयोग कर सकते हैं।
इसके लिये आप श्रीश भाई का लिखा यह लेख पढ़ें
बारहा, हिन्दीराइटर तथा इंडिक IME की तुलनात्मक समीक्षा
बरहा मेरा पसंदीदा टूल है इसके बारे में आप जीत्तू भाई का लिखा यह लेख पढ़ें
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