गुलजार साहब जब गीत लिखते हैं तो कई बार बोल पकड़ में नहीं आते। खास कर जब संगीत ए आर रहमान या शंकर एहसान लोय का हो।
गुलजार साहब कभी कभी सीधे से वाक्य में पंजाबी का शब्द ऐसे फिट कर देते हैं कि कई बार पूरे वाक्य का अर्थ समझ में नहीं आता है।
कई बार दिल किया कि इस तरह के वाक्यों को गीतों के बीच से एकत्र कर उनके अर्थ लिखे जायें। आप सब से अनुरोध है कि इस तरह के वाक्य सुझाएं जो गुलजार साहब के गीतों में आते हैं मगर आप हमेशा यही सोचते रहे कि इनका अर्थ क्या है। आज यहां नीरज भाई की फरमाइश पर गुलजार साहब का नया गीत ‘झूम बराबर झूम’ दे रहे हैं।
ओ आजा आजा रब्बा इश्के दी खोल गुत्थियां
घाट्ट ना मुनाफे अनमोल गुत्थियां
ते लागी लागी जो लगावे ना लगे आशिकी
उड़ती उड़ती अखियों के लड़ गये पेचे लड़ गये वे
गीत लगा के झूम झूम झूम
झूम बराबर झूम बराबर झूम बराबर झूम
झूम बराबर झूम बराबर झूम बराबर झूम
कब लगे कहां रब्ब जाने
जब लगे जहां सब जाने, रब्बा….
रब्बा हर चोट मजा देती है
जीने की सजा देती है, रब्बा..
झूठी मूठी बातें सुनके
गुनगुनाती आंखे सुनके
जलावे बुझावे, बुझावे जलावे ओये मोमबत्तियां
उड़ती उड़ती अखियों के
लड़गये पेचे लड़ गये वे
गीत लगा के झूम झूम झूम
झूम बराबर झूम बराबर झूम बराबर झूम
झूम बराबर झूम बराबर झूम बराबर झूम
ये इश्क पुराना पापी
हर बार खता करता है, रब्बा….
हर बार बचाता हूं मैं
हर बार ये जा मरता है, रब्बा….
हो पास कोई आ गया तो
रास कोइ आ गया तो
बार बार कल्रेजे पे ना मार अखियां
उड़ती उड़ती अखियों के
लड़ गये पेचे लड़ गये वे
गीत लगा के झूम झूम झूम
झूम बराबर झूम बराबर झूम बराबर झूम बराबर
ओ आजा रब्बा इश्के दी खोल गुत्थियां
घाट्ट ना मुनाफे अनमोल गुत्थिया
ते लागी लागी जो लगावे ना लगे आशिकी
उड़ती उड़ती अखियों के
लड़ गये पेचे लड़ गये वे
गीत लगा के झूम झूम झूम
झूम बराबर झूम बराबर झूम बराबर झूम
झूम बराबर झूम बराबर झूम बराबर झूम
यहां इन पंक्तियों को देखें
ओ आजा रब्बा इश्के दी खोल गुत्थियां
घाट्ट ना मुनाफे अनमोल गुत्थिया
गुत्थी थैली को कहते हैं और गुत्थी इश्क की गुत्थियों और उलझनों के लिए भी प्रयोग हुआ है. इश्क की थैली खुलती है तो घाटा नहीं होता मुनाफा ही मुनाफा है क्योंकि यह थैली अनमोल है।
इस गीत को यहां सुन सकते हैं।
अब इसी फिल्म के एक और गीत के कुछ शब्दों की ओर ध्यान दीजिये अंग्रेजी हिंदी और पंजाबी का क्या तड़का लगाया है
ओस में घोली मिंट की गोली निरी खुशबू बीबा
कन्नी से काटे मांझे की डोरी
काटेगी तूं बीबा
औना पौना ही सही
दिल का कोना ही सही
लौटा दे मेरा टिकट टू हालीवूड
जमीं से दो इंच ऊपर
हवा पे चलती है तूं
कहीं पैरों का निशान जो पड़े तो झुकूं
शहर के उस मोड़ पर
जहां से तूं पास हो
कहे तो मैं जिंदगी भर वहीं पे रुकूं
लौटा दे मेरा टिकट टू हालीवूड….
पूरा गीत यहां सुन सकते हैं।
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