मेरा बाहरवीं का रिज्ल्ट आया था उस दिन। बहुत अच्छे नंबर आये थे। क्लास में टॉप किया था। मैं बहुत खुश था। में पल भर के लिये घर में क्या चल रहा है यह भी भूल गया था।
स्कूल से आया तो मेरे पास होने का गली में शोर सा मच गया। घर में जैसे ही घुसा तो एकदम ठिठक सा गया।
माँ बहुत बीमार चल रहीं थीं।
थोड़ी देर में माँ ने बुलाया, तकिए के नीचे से दस रुपये निकाल कर दिये।.
कुछ बोल न पाईं।
इसके दो दिन बाद ही वो चल बसीं।
आज मातृ दिवस पर वो दस रूपये मिल नहीं रहे, जाने कहाँ रख दिये।
दस रुपये दो न माँ !!!!
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