ब्लॉगर पर हिंदी ब्लॉग की मुश्किलें बहुत हैं। ब्लॉगर पर हिंदी में लिखना बहुत आसान है और अधिकतर हिंदी के ब्लॉग ब्लॉगर पर ही बने हुए हैं. ब्लॉगर यानि ब्लागस्पाट जो कि गूगल द्वारा संचालित ब्लॉग्गिंग प्लेटफ़ॉर्म है तथा गूगल ने इन्टरनेट पर हिंदी को बढ़ावा देने के लिए बहुत काम किये हैं. मगर ब्लॉगर पर कुछ त्रुटियां जाने अनजाने हिंदी और हिंदी ब्लॉग को नुकसान पहुंचा रहीं हैं.
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हिंदी के ब्लागरों को कठिनाई
यूं तो आपको इन्टरनेट पर ब्लॉगर यानि Blogspot की समस्याओं पर हजारों लेख मिल जायेंगे और आपको ऐसे भी हजारों लेख मिल जायेंगे कि कैसे और किन किन कारणों से ब्लॉग्गिंग के लिए वर्डप्रेस ब्लॉगर से बेहतर प्लेटफार्म है. मगर मैं यहाँ केवल उन समस्याओं के बारे में लिख रहा हूँ जो कि हिंदी के ब्लागरों को पेश आती हैं. बदकिस्मती से ऐसा लगता है कि अधिकतर हिंदी के ब्लॉगर इन तकनीकी अड़चनों के बारे में अनजान हैं.
“blog-post.html” की समस्या
मैं इसे blog-post.html कि समस्या कहता हूँ. यदि कोई अंग्रेजी का ब्लॉगर ब्लॉग पोस्ट लिखता ही जिसका शीर्षक है “Benefits of Aloe Vera” तो उस पोस्ट का लिंक बनेगा:
myblog.blogspot.com/2015/04/benefits-of-aloe-vera.html
अब यदि कोई हिंदी का ब्लॉगर इसी लेख को लिखेगा और शीर्षक रखेगा “एलोवेरा के गुण” तो लिंक बनेगा
myblog.blogspot.com/2015/04/blog-post.html
अब बूझिये क्रमश सर्च करने पर सर्च इंजन में कौन सी पोस्ट दिखेगी और कौन सी नहीं. अब कल्पना कीजिये कि सर्च करने वाले को देवनागरी लिखना कम आता है और अधिकतर हिंदी में सर्च रोमन में ही किये जाते हैं ऊपर से blog-post.html की यह समस्या. कुछ जानकार लोगों ने इसका हल निकाला और ब्लॉग का शीर्षक रोमन में लिख कर पोस्ट कर देते, एक बार जब लिंक बन जाता तो मर्जी होती तो शीर्षक को बदल कर देवनागरी में कर देते हैं मगर जिन्हें नहीं पता उनके सभी पोस्ट blog-post.html के साथ ही प्रकाशित होते हैं.
देवनागरी में नहीं बनता लिंक
आज जब आप देवनागरी में अपना डोमेन खरीद सकते हैं तब भी ब्लॉगर पर देवनागरी में लिंक नहीं बना सकते. वर्डप्रेस.कॉम और वर्डप्रेस.ओर्ग पर यह सुविधा बहुत पहले से है. मजे की बात यह है कि ब्लॉगर पर लेबल आप देवनागरी में बना सकते हैं और उनके लिंक भी देवनागरी में बनते हैं. एक उदहारण देखिये
हालांकि ब्लॉगर आपको पोस्ट में पर्मालिंक बदलने कि सुविधा देता है मगर बहुत से लेखकों को इसके बारे में पता नहीं है और यहाँ भी आप देवनागरी लिखने की कोशिश करेंगे तो उसे पोस्ट नहीं कर पाएंगे. एक उदहारण आप यहाँ दिए गए स्क्रीन शॉट में देखिये, जब मैंने देवनागरी में लिंक बनाने की कोशिश की तो उसे पोस्ट नहीं कर पाया.
अब यह लेखक की मर्जी पर छोड़ दिया जाना चाहिए कि उसे रोमन में लिंक रखने हैं या देवनागरी में. मगर यदि आपके ब्लॉग पर छपी सभी पोस्टों के लिंक में blog-post.html ही होगा और उनका लिंक एक सा ही यानि myblog.blogspot.com/2015/04/blog-post.html होगा और उसमें केवल तारीख के अनुसार अंक बदलते रहेंगे तो यकीन मानिये सर्च इंजन में आपके ब्लॉग को वो सम्मान नहीं मिलेगा जिसका वह हकदार है और एक छोटी सी तकनीकी गलती आपको बहुत महँगी पड़ेगी. मुझे लगता यही है कि अभी तक हिंदी का ब्लॉगर चालीस पचास लेख लिखता है और जब देखता है कि ब्लॉग पर कोई पाठक नहीं आ रहा है तो ब्लॉग लिखना बंद कर देता है. अब यह शोध का विषय हो सकता है कि कितने हिंदी के ब्लॉग इस तकनीकी त्रुटी का खामियाजा भुगतते हैं.
वर्डप्रेस पर ले जाना मुश्किल
ब्लॉगर में अंग्रेजी के ब्लॉग्स पर क्यूंकि पोस्ट के शीर्षक के अनुसार ही लिंक बनाता है तो अंग्रेजी के ब्लॉग को जब आप ब्लॉगर से वर्डप्रेस पर ले जाना चाहते हैं तो यह सब बहुत आसान हो जाता है और आप किसी भी पोस्ट के ब्लॉगर पेज को उसी पोस्ट के वर्डप्रेस पेज पर आसानी से रिडायरेक्ट कर सकते हैं. हिंदी के ब्लॉग्स पर यह संभव ही नहीं यदि आपके सभी पोस्ट के लिंक blog-post.html के अनुसार ही बने हैं तो. इसके बारे में विस्तार से चर्चा करूंगा अगले किसी पोस्ट में.
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वर्डप्रेस आपको अपने पर्मालिंक और उसके ढांचे को बदलने के बहुत से विकल्प देता है. ब्लॉगर से वर्डप्रेस पर आने से आईना पर पाठक कैसे पांच गुना बढ़ गए यह मैं अपने पिछले लेख Blog in Hindi हिंदी में ब्लॉग लिखना में बता चुका हूँ. यदि आप भी लम्बे समय तक हिंदी में ब्लॉग लिखना चाहते हैं और चाहते हैं कि आपको इसका लाभ मिलता रहे तो अपना ब्लॉग्गिंग प्लेटफार्म चुनने से पहले इन पहलुओं पर जरूर ध्यान दें.
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