Shiv Kumar Batalvi शिव कुमार बटालवी के पंजाबी गीत मुझे हमेशा से बहुत पसंद हैं। चाहता था कि इन गीतों को हिंदी में अनुवाद किया जाए मगर कभी हिम्मत नहीं हुई। वैसे भी मेरी हिंदी और पंजाबी दोनों ही खराब हैं।
[showmyads]मगर यहां मै प्रयास कर रहा हूँ Shiv Kumar Batalvi के गीत उमरां दे सरवर का हिंदी अनुवाद करने का।
उमरां दे सरवर
साहवां दे पाणी
गीता वे चुंझ भरीं
भलके ना रहणे पीड़ां दे चानण
हावां दे हंस सरीं
गीता वे चुंझ भरीं ।
गीता वे उमरां दे सरवर छलीए
पल-छिन भर सुक्क जांदे
साहवां दे पाणी पीले वे अड़्या
अणचाहआं फिट्ट जांदे
भलके ना सानूं दईं उलांभड़ा
भलके ना रोस करीं
गीता वे चुंझ भरीं ।
हावां दे हंस सुणींदे वे लोभी
दिल मरदा तां गांदे
इह बिरहों रुत्त हंझू चुगदे
चुगदे ते उड्ड जांदे
ऐसे उड्डे मार उडारी
मुड़ ना आउन घरीं
गीता वे चुंझ भरीं ।
गीता वे चुंझ भरें तां तेरी सोने चुंझ मड़्हावां
मैं चन्दरी तेरी बरदी थीवां
नाल थीए परछावां
हाड़े ई वे ना तूं तिरहायआ
मेरे वांग मरीं
गीता वे चुंझ भरीं ।
[showmyads]उम्र के सरोवर से – Shiv Kumar Batalvi के गीत का हिंदी अनुवाद
उम्र के सरोवर से
सांसों के पानी से
गीत आ कर चोंच भर ले
सुबह ना रहेगी दर्द की चांदनी
आहों के हंस बदशगुनी
गीत आ कर चोंच भर ले
गीत रे उम्र के सरोवर छलिए
पल छिन में सूख जाएं
सांसों के पानी पी ले ना
कसैले ना हो जाएं
सुबह तक ना कोई शिकायत बचे
सुबह तक ना कोई नाराजगी रहे
गीत आ कर चोंच भर ले
आहों के हंस सुना है लोभी हैं
दिल मरता है तो गाते हैं
ये विरह की रुत में आंसू चुगते
चुगते और उड़ जाते हैं
ऐसी भरते लंबी उड़ान
मुड़ कर घर नहीं आते हैं
गीत आ कर चोंच भर ले
गीत यदि चोंच भरे तो उसे सोने से जड़ दूं
मैं अभागिन तेरी दासी बन जाऊँ
परछाईं बन कर डोलूं
मिन्नत करूं तूं भी प्यासा
मेरी तरह ना मर रे
गीत आ कर चोंच भर ले
यह था मेरा प्रयास शिव कुमार बटालवी के एक गीत को हिंदी में अनुवाद का।
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